कॉपीराइट या प्रतिलिप्याधिकार(बौद्धिक संपदा अधिकार)किसी लेखक , चित्रकार अथवा अन्य किसी प्रकार की बौद्धिक रचना तैयार करने वाले बुद्धिजीवी या कलाकार का अपनी रचना पर अधिकार है । कॉपीराइट किसी व्यक्ति की रचना को अनाधिकृत रुप से प्रकाशित किए जाने या अन्य किसी रुप में प्रस्तुत किए जाने पर रोक लगाता है ।
कॉपीराइट की श्रेणियां1- कॉपीराइट का अधिकार- साहित्यिक और कलात्मक कार्य के लेखक को दिया गया अधिकार औऱ फोनोग्राम तथा प्रसारण संगठन के परफर्मॉर, प्रोड्यूसर का अधिकार।
2-औद्योगिक संपदा अधिकार-विशिष्ट चिन्ह(जैसे ट्रेडमार्क),नई पहल, डिजाइन तथा प्रौद्योगिकी उत्प्रेरित करने के लिए संरक्षित औद्योगिक संपदा ।
निम्न प्रकार की कृतियों पर कॉपीराइट1-मौलिक साहित्यिक , रंगमंचीय अथवा कलात्मक कृति पर कॉपीराइट2-फिल्म पर कॉपीराइट3-कंप्यूटर प्रोग्राम पर कॉपीराइट
4-गीत-संगीत तथा अन्य रिकार्ड पर कॉपीराइट
कॉपीराइट अधिनियम , 1957 के मुताबिक कॉपीराइट1-कृति के रचनाकार का कविता, फोटोग्राफ, पेंटिंग आदि पर कॉपीराइट होगा।2-अगर किसी पत्र-पत्रिका में रोजगार के दौरान कृति रची गयी है तो पत्र-पत्रिका के प्रकाशक को अपनी किसी पत्र-पत्रिका में रचना प्रकाशित करवाने का अधिकार है । शेष सभी अधिकार लेखक के होंगे ।3-अगर कोई फोटोग्राफ /पेंटिंग/नक्काशी/ किसी व्यक्ति के भुगतान पर बनाई गयी हो तो भुगतान करने वाले को कॉपीराइट प्राप्त होगा।4-सरकार के अंतर्गत किए गये किसी रचनात्मक कार्य का कॉपीराइट सरकार का होगा । अगर कृति किसी सार्वजनिक क्षेत्र के संस्थान ने बनाई या प्रकाशित की हो या किसी सरकारी प्रतिष्ठान के निर्देश पर तैयार की गयी है, तो कॉपीराइट उस संस्थान का माना जायेगा।
कॉपीराइट का पंजीकरण1-आपकी कृति वैसे तो अपने आप आपकी हो जाती है । पंजीकरण की जरुरत नहीं होती है ,2-लेकिन पंजीकरण करा लेना चाहिए, क्योंकि करने से कृति का वास्तविक स्वरुप निर्धारण कराने में मदद मिलती है।3-पंजीकरण के लिए आपको निर्धारित फॉर्म में निर्धारित शुल्क के साथ अपना आवेदन कॉपीराइट पंजीयक को भेजना होगा
4-समुचित जांच के बाद , आपकी कृति कॉपीराइट पंजिका में दर्ज कर ली जायेगी ।
5- कोई भी व्यक्ति निर्धारित शुल्क का भुगतान करके पंजिका के विवरणों की फोटो कॉपी ले सकता है ।
6-अगर किसी कृति का ट्रेडमार्क के रुप में इस्तेमाल किया गया है या इसका ट्रेडमार्क की तरह इस्तेमाल हो सकता है, तो कॉपीराइट के पंजीकरण के आवेदन के साथ ट्रेडमार्क पंजीयक से इस आशय का प्रमाणपत्र भी संलग्न करना होगा ।जिसमें यह उल्लेख होगा कि आवेदन के अलावा अन्य किसी व्यक्ति ने ऐसी ही अथवा इससे मिलती जुलती किसी कृति का पहले ही अपने नाम से ट्रेडमार्क पंजीकृत नहीं कराया है ।
7-आप किसी कृति का अपना कॉपीराइट छोड़ भी सकते हैं । इसके लिए आपको निर्धारित फॉर्म में कॉपीराइट पंजीयक को आवेदन करना होगा ।
कॉपीराइट की अवधि1-साहित्यिक , रंगमंचीय , संगीतिक और कलात्मक कृति के लिए (फोटोग्राफ के अलावा) कृति के रचनाकार के जीवनकाल में और उसकी मृत्यु के 60 साल बाद तक कॉपीराइट।
2-संयुक्त रचनाकार होने पर , रचनाकारों के जीवनकाल में और उनमें से बाद में मरने वाले की मृत्यु के 60 साल बाद तक कॉपीराइट।
3-अज्ञात रचनाकार ( रचनाकार ने अपना नाम ना प्रकट किया हो) होने की स्थिति में-रचना के प्रकाशन से साठ साल बाद तक कॉपीराइट रहेगा।
4-फोटोग्राफ/सिनेमेटोग्राफ फिल्म/ ऑडियो रिकॉर्ड/ सरकारी या सार्वजनिक प्रतिष्ठान के कार्य के लिए -ऐसे कार्य या कृति के पहली बार प्रकाशन, प्रदर्शन या रिकॉर्डिंग के पचास साल बाद तक कॉपीराइट रहेगा ।
2-संयुक्त रचनाकार होने पर , रचनाकारों के जीवनकाल में और उनमें से बाद में मरने वाले की मृत्यु के 60 साल बाद तक कॉपीराइट।
3-अज्ञात रचनाकार ( रचनाकार ने अपना नाम ना प्रकट किया हो) होने की स्थिति में-रचना के प्रकाशन से साठ साल बाद तक कॉपीराइट रहेगा।
4-फोटोग्राफ/सिनेमेटोग्राफ फिल्म/ ऑडियो रिकॉर्ड/ सरकारी या सार्वजनिक प्रतिष्ठान के कार्य के लिए -ऐसे कार्य या कृति के पहली बार प्रकाशन, प्रदर्शन या रिकॉर्डिंग के पचास साल बाद तक कॉपीराइट रहेगा ।
कॉपीराइट का हस्तांतरण1-कॉपीराइट का मालिक कॉपीराइट के अधिकार को पूरी तरह या आंशिक रुप से किसी अन्य व्यक्ति को सौंप सकता है ।2-किसी भावी कृति का भी कॉपीराइट किसी को दिया जा सकता है । यह लाइसेंस लिखित या हस्तांतरित होना चाहिए।रेडियो-टेलीविजन प्रसारण संबंधी अधिकार1-किसी प्रसारण संस्थान के पास अपने यहां से प्रसारित कार्यक्रम के प्रथम प्रसारण से 24 साल तक उसका स्वामित्व रहता है,2-लेकिन प्रसारण संस्थान के इस अधिकार का प्रसारित कृति के रचनाकार के कॉपीराइट पर कोई असर नहीं पड़ता है।
कॉपीराइट का उल्लंघन नहीं1-निजी इस्तेमाल के लिए प्रतियां बनना/ इसमें किसी कंप्यूटर प्रोग्राम की बैकअप कॉपी बनाना भी शामिल है ।2-किसी पत्र -पत्रिका / फिल्म /फोटो / प्रसारण के जरिए ताजा घटनाक्रम की खबर देने के लिए किसी रचनात्मक कृति की आलोचना अथवा समीक्षा करना कॉपीराइट का उल्लंघन नहीं है ।3-न्यायिक अथवा संसदीय कार्यवाही की रिपोर्टिंग करना । मौलिक साहित्य/फिल्म /प्रसारण / फोटोग्राफ / के छोटे अंश का विज्ञापन के रुप में प्रकाशन करना।4-कृति के छोटे-छोटे उदाहरणों का सार्वजनिक पाठ करना ।5-कानूनी अधिकारियों के द्वारा मांगे जाने पर कृति की प्रमाणित प्रतियां प्रस्तुत करना ।6-किसी को पढ़ाने, समझाने या परीक्षा के दौरान कृति के किसी अंश का इस्तेमाल करना ।7-किसी शैक्षणिक संस्था की गतिविधियों के अंतर्गत साहित्यिक , रंगमंचीय अथवा संगीतिक कार्यक्रम में कृति अथवा उसके अंशों की प्रस्तुति ।8-किसी क्लब अथवा धार्मिक संस्था में कृति अथवा उसके अंशों की प्रस्तुति ।9-स्थापत्य या भवन निर्माण से जुड़ी कलात्मक कृति की पेंटिंग, ड्राइंग या फोटोग्राफ बनाना अथवा प्रकाशित करना ।
कॉपीराइट उल्लंघन पर मुआवजा 1-कॉपीराइट का उल्लंघन होने पर मुआवजा मांग सकते हैं ।2-कृति को तोड़-मरोड़कर पेश किए जाने , उसमें काट-छांट किए जाने अथवा उसका स्वरुप बदले जाने पर मुआवजे का दावा कर सकते हैं ।3-किसी भी ऐसे कार्य के विरोध में आप मुआवजा मांग सकते हैं , जिससे आपका सम्मान या प्रतिष्ठा कम होती हो,
4-लेकिन कंप्यूटर प्रोग्राम बनाने पर कृति के स्वरुप में उचित बदलाव किए जा सकते हैं ।
5-कॉपीराइट के उल्लंघन पर मुआवजे का सिविल मुकदमा जिला न्यायालय में किया जा सकता है ।
6-अगर कोई व्यक्ति जान-बूझकर किसी कॉपीराइट या प्रसारण अधिकारों का उल्लंघन करता है या ऐसे उल्लंघन में मदद करता है तो उसे जेल की सजा और जुर्माना हो सकता है ,
7-साथ ही जिसके कॉपीराइट का उल्लंघन हुआ हो, उसे मुआवजा देना पड़ सकता है ।
8-जिस कृति के कॉपीराइट का उल्लंघन हुआ है , उसकी प्रतियां अपने पास रखना भी संज्ञेय अपराध है ।
5-कॉपीराइट के उल्लंघन पर मुआवजे का सिविल मुकदमा जिला न्यायालय में किया जा सकता है ।
6-अगर कोई व्यक्ति जान-बूझकर किसी कॉपीराइट या प्रसारण अधिकारों का उल्लंघन करता है या ऐसे उल्लंघन में मदद करता है तो उसे जेल की सजा और जुर्माना हो सकता है ,
7-साथ ही जिसके कॉपीराइट का उल्लंघन हुआ हो, उसे मुआवजा देना पड़ सकता है ।
8-जिस कृति के कॉपीराइट का उल्लंघन हुआ है , उसकी प्रतियां अपने पास रखना भी संज्ञेय अपराध है ।
भारत में कॉपीराइट कार्यालयकॉपीराइट रजिस्ट्रार कार्यालयबी-2/डब्ल्यू-3, कर्जन रोड बैरक, कस्तूरबा गांधी मार्ग,
नई दिल्ली-110001
पेटेंट का अधिकार
पेटेंट के लिए बुनियादी शर्तेंपेटेंट उस व्यक्ति को दिया जाता है जिसने नया औऱ उपयोगी चीज का आविष्कार किया है या मौजूदा वस्तु में सुधार किया या वस्तु की नई प्रक्रिया का आविष्कार किया है ।
1-पेटेंट किसी वैज्ञानिक उत्पाद या प्रक्रिया के सृजक को मिलने वाला अधिकार है , लेकिन पेटेंट का अधिकार कॉपीराइट की तरह स्वयं ही नहीं मिल जाता है, बल्कि इसके लिए सरकार के पास आवेदन करना होता है ।2-पेटेंट लेने के लिए पेटेंट कार्यालय को उस वस्तु या पद्धति की मौलिकता तथा औद्योगिक उपयोगिता के बारे में आश्वस्त भी कराना होता है ।
3-एक आविष्कार के दो या दो से अधिक आविष्कारकों को संयुक्त रुप से पेटेंट का अधिकार मिलता है ।
4-अगर आविष्कारकों में से एक ने आविष्कार के सभी विचार दिए हैं , और दूसरे ने इसे तैयार करने में सिर्फ निर्देशों का पालन किया है, तो वह व्यक्ति जिसने विचार देकर अपना योगदान दिया है , वह एकमात्र आविष्कारक है। पेटेंट आवेदन औऱ पेटेंट में सिर्फ उसका नाम होगा ।
5-आप अपने आविष्कार का लाइसेंस अपनी इच्छा से अनेक कंपनियों को दे सकते हैं ।
पेटेंट अधिकार की अवधि1-पेटेंट का अधिकार 20 साल के लिए दिया जाता है । यह पेटेंट के लिए आवेदन दायर होने की तिथि से 20 साल तक है।
2-पेटेंट का हर साल नवीनीकरण होना जरुरी है ।
3-पेटेंट धारक के लिए यह भी जरुरी है कि वह अपनी धऱोहर को दूसरों द्वारा अनाधिकृत रुप से इस्तेमाल के बारे में सचेत रहे और तुरंत मुकदमा दायर करे।
कब पेटेंट कराएं जब आप आविष्कार को संरक्षित करने के लिए आश्वस्त हो जायें, तो आविष्कार की किसी तरह की सार्वजनिक जानकारी से पहले पेटेंट का आवेदन दायर कर दें ।
आविष्कार का दस्तावेजीकरण1-आपका आविष्कार क्या है
2-आपने इसकी खोज कब की
3-फार्म में आविष्कार का वर्णन हो
2-आपने इसकी खोज कब की
3-फार्म में आविष्कार का वर्णन हो
आविष्कार का संरक्षण क्यों1-पेटेंट लेने से आप आविष्कार के मालिक हो जायेंगे।2-पेटेंट लेने के बाद आविष्कार का धन कमाने में इस्तेमाल कर सकते हैं ।
3-कोई आपके आविष्कार का कानूनी रुप से तैयार , बिक्री या उपयोग नहीं कर सकेगा।
साफ्टवेयर को पेटेंट कराने के प्रावधानपेटेंट (द्वितीय संशोधन) अधिनियम 2002 में किसी गणितीय या व्यापार विधि या स्वत: कंप्यूटर प्रोग्राम या एल्गोरिदम को पेटेंट की योग्यता से बाहर रखा गया है।
पेटेंट पाने वाले को अधिकार
1-पेटेंट संपत्ति है जिसे विरासत में प्राप्त किया जा सकता है ।
2-पेटेंट को किसी को भी दिया जा सकता है ।
3-पेटेंट के इस्तेमाल की इजाजत देने के एवज में रॉयल्टी ले सकते हैं।
4-पेटेंट के अनाधिकृत रुप से इस्तेमाल करने पर हर्जाने का मुकदमा दायर कर सकते हैं ।
2-पेटेंट को किसी को भी दिया जा सकता है ।
3-पेटेंट के इस्तेमाल की इजाजत देने के एवज में रॉयल्टी ले सकते हैं।
4-पेटेंट के अनाधिकृत रुप से इस्तेमाल करने पर हर्जाने का मुकदमा दायर कर सकते हैं ।
साभार: http://www.adhikarexpress.com
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