गुरुवार, 12 सितंबर 2013

आपका अधिकार

अगर पेंशन मिलने में परेशानी हो…

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बिहार के जमालपुर से आर के निराला ने हमें पत्र के माध्यम से दो मामलों के बारे में सूचित किया था.  दोनों घटनाएं नगर परिषद, जमालपुर से संबंधित थीं. पहला मामला था चंपा देवी का. चंपा देवी नगर परिषद जमालपुर में सफ़ाई मज़दूर के रूप में नियुक्त थीं. रिटायरमेंट के बाद उनकी पेंशन का भुगतान अब तक नहीं हो पाया था, जबकि पटना हाईकोर्ट ने भी भुगतान का आदेश दे दिया था. दूसरा मामला बेबी देवी का था, जिनके पति की मृत्यु नौकरी के दौरान ही हो गई थी, लेकिन उन्हें अब तक अनुकंपा के आधार पर नौकरी नहीं मिल सकी थी. इन दोनों मामलों में समानता थी, यानी अधिकारियों और कर्मचारियों की लेटलतीफ़ी, लालफ़ीताशाही और अ़िडयल रवैया. लेकिन आरटीआई क़ानून ऐसे ही अधिकारियों को सही रास्ते पर लाने का काम करता है. यहां पर इन दोनों घटनाओं का ज़िक्र इसलिए भी किया जा रहा है, क्योंकि आमतौर पर सरकारी विभागों में अधिकांश मामले ऐसे ही होते हैं. बाबुओं की फाइल दबाऊ नीति अपनाने के कारण आम आदमी परेशान होता रहता है. कभी पेंशन, कभी नौकरी या कोई अन्य मामला. सरकारी बाबू बिना रिश्‍वत लिए फाइल आगे नहीं ब़ढाते और ऐसे में लोग दफ्तर के चक्कर काटने के लिए मजबूर हो जाते हैं. तब, ऐसे ही मामलों में आरटीआई (सूचना क़ानून) का असर दिखता है.
अगर किसी सरकारी दफ्तर में आपका भी ऐसा ही कोई मामला फंसा हो, तो आप पहले एक साधारण आवेदन देकर अपनी शिकायत अधिकारी तक पहुंचाएं और याद करके अपने आवेदन की प्राप्ति रसीद ज़रूर ले लें. साथ ही आवेदन की एक फोटो कॉपी भी अपने पास रखें. अगर सप्ताह, दस दिनों के भीतर आपके आवेदन पर कोई सुनवाई नहीं होती है, तो फिर आप सूचना का अधिकार क़ानून के तहत एक आवेदन देकर अपने पहले वाले आवेदन पर हुई कार्रवाई के बारे में सूचना मांगे. ज़्यादातर मामलों में देखा गया है कि आरटीआई आवेदन डालते ही अधिकारी/कर्मचारी हरकत में आ जाते हैं, क्योंकि क़ानून के मुताबिक़ उन्हें 30 दिनों के भीतर जवाब देना होता है. हमें विश्‍वास है कि यदि आप सूचना क़ानून का इस्तेमाल करते हैं, तो आपका काम ज़रूर होगा वह भी बिना रिश्‍वत दिए. इस अंक में हमने उक्त दोनों मामलों से संबंधित एक आरटीआई आवेदन प्रकाशित किया है, जिसका इस्तेमाल आप ऐसे मामलों के लिए कर सकते हैं. चौथी दुनिया आपकी किसी भी समस्या का समाधान या सुझाव देने के लिए हमेशा आपके साथ है. आप हमसे पत्र/ईमेल या फोन के ज़रिए संपर्क कर सकते हैं.

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