मंगलवार, 8 अक्तूबर 2013

शर्म करें जो रक्‍तदान से कतराते हैं, यहां तो कुत्‍ते तक ने दिया खून

टारंगा (न्‍यूजीलैंड)। अगर आप से कोई अचानक कहे कि मेरा एक दोस्‍त बीमार है, उसकी जिंदगी बचाने के लिए रक्‍त की जरूरत है तो क्‍या आप सहर्ष तैयार हो जायेंगे, ऐसे में ज्‍यादातर लोग तो तैयार नहीं होंगे। लेकिन हम इंसान एक कुत्‍ते से तो सीख ही सकते हैं। न्‍यूजीलैंड के टारंगा में एक लैब्रोडोर नस्‍ल के कुत्‍ते ने बिल्‍ली को बचाने के लिए रक्‍त दिया। आमतौर पर कुत्‍ते और बिल्‍ली के बीच कभी सामान्‍य रिश्‍ते नहीं देखे जाते हैं पर कुत्‍ते ने ऐसे समय में बिल्‍ली को खून दिया जब वो लगभग मरने ही वाली थी, पशु चिकित्‍सक का कहना है कि बिल्‍ली ने गलती से 'चूहे मारने की दवा' खा ली थी, जिससे उसकी हालत एकदम खराब हो गयी थी। बिल्‍ली की ओनर किम एडवर्ड ने बताया कि रोरी (बिल्‍ली) की तबियत बिल्‍कुल बिगड़ती ही जा रही थी, हमारे पास बिल्‍कुल भी वक्‍त नहीं था कि हम एक बिल्‍ली का खून लें और उसे लैब में मैच करवाकर रोरी को दें तभी मैनें अपने दोस्‍त मिशेल व्‍हाइटमोर को कॉल किया जिनके पास लैब्रोडोर प्रजाति का कुत्‍ता है, जिसका नाम 'मेसी' है।

व्‍हॉटमोर का कहना है कि मैंने इस तरह की घटना को पहले कभी नहीं सुना था, मुझे लगा कि किम मुझसे मजाक कर रही हैं लेकिन जो भी यहां हुआ वह आपने आपमें अद्भुत था क्‍योंकि इस तरह की घटना मैंने अपने जीवन में कभी भी नहीं देखी या सुनी थी। मुझे लगता है कि इससे हम इंसानों को भी सीखना चाहिए जो कि रक्‍तदान करने के नाम से ही कतराते हैं।

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