गुरुवार, 5 दिसंबर 2013

बचपन की बात


जब हम छोटे थे तो स्कूल में या अपने यार दोस्तों के बीच एक शब्द कई बार सुनते थे कि, "तीन तिगड़ी,,बात बिगड़ी" इसका मतलब हुआ कि आप अपना कोई भी काम औने -पौने में ना करें ! बड़े हुए तो देखा घर में " माँ " कभी भी थाली में तीन रोटियां नहीं रखती थी , रखती थीं दो या चार ! आज भी शायद यही स्थिती है हम सब के घरों में ! ये कोई शगुन है या अपशगुन आज तक समझ नहीं आया ! मेरी नजर में चाहे एक हो या दो या हों तीन या चार सबका अपना -अपना अलग महत्त्व होता है ! आप जानते हैं भगवान् शिव को "त्रिनेत्र" कहा जाता है ! इंसान के जीवन में तीन का भी बहुत महत्त्व है ! महत्व तो बहुत सी चीजों का होता है बस फर्क सिर्फ इतना है कि हम उन्हें कितना महत्त्व देते हैं ! इंसान के जीवन से जुड़े "तीन" को हमें कभी नहीं भूलना चाहिए !

इंसान के जीवन से जुडी कुछ चीजें यहाँ प्रस्तुत कर रहा हूँ ! 

इंसान के जीवन तीन चीजें ऐसी हैं जो उसे सिर्फ एक बार मिलती हैं
१. माता-पिता (इंसान की उत्पत्ति इन्हीं से होती है , ईश्वर से बढकर है ये )
२. जवानी (इंसान के जीवन का सबसे महत्वपूर्ण समय , जीत सको तो जग जीत लो )
३. हुस्न (जवानी के साथ हुस्न भी अनमोल है , हुस्न गया सब गया, हुस्न के लाखों रंग - कौनसा रंग देखोगे )


तीन चीजें इंसान को बहुत सोच समझकर उठानी चाहिए !
१. कदम (आपका उठाया गया एक गलत कदम आपका जीवन नष्ट एवं बर्वाद कर सकता है )
२. कसम (वादा करो तो ऐसा की " प्राण जाए पर वचन ना जाये " )
३. कलम (कलम की ताकत को हम सब अच्छी तरह से जानते हैं , उठाओ सच्चाई के लिए ना की झूंठ के लिए
तीन चीजें इंसान को बहुत सोच समझ का करना चाहिए ,
एक गलती जीवन भर भुगतान 

१. मोहब्बत (आज-कल मोहब्बत अंधी होती है , अब इसके बारे में क्या कहूं ? )
२. बात (अब बात कम बतंगड़ ज्यादा होता है वो भी गाली-गलौच और अशिष्ट )
३. फैंसला (आजकल सब्र पूरी तरह खत्म हो चुका है , फैंसला " ON THE SPOT " )

इंसान के जीवन में तीन चीजें कभी इन्तजार नहीं करती 
१. मौत (रोज -रोज होते सड़क हादसों से लें सबक )
२. वक़्त (लोहा जब गर्म हो तो हतौड़ा मार देना चाहिए , वर्ना " पछतावे होत का जब चिड़िया चुग गयीं खेत " )
३. उम्र (उम्र कभी किसी का इन्तजार नहीं करती , जाग वन्दे अब ना जागेगा तो कब जागेगा )

इंसान को इन तीन चीजों को कभी छोटा नहीं समझना चाहिए
 १. कर्ज (किसान का पूरा जीवन कर्ज में ही निकल जाता है )
२. फर्ज (फर्ज पर कुर्बान देश भक्तों को सलाम )
३. मर्ज़ (एक चींटी हांथी पर भारी पड़ जाती है )

इंसान को दर्द होता है इन तीन चीजों से
१. धोखा (आज पल -पल पर धोखा खाता इंसान , धोखा अब इंसानी फितरत बन गया है )
२. बेबसी (उफ्फफ्फ्फ़ ये बेबसी कब दूर होगी )
३. बेवफा (तेरी बेवफाई में ऐ सनम दिल दिया दर्द लिया )

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