सोमवार, 27 फ़रवरी 2017

*हाथ की पांच उंगलिया*

*हाथ की पांच उंगलिया*

हमारे हाथ की पांचो उंगलिया शरीर के अलग अलग अंगों से जुडी होती है | इसका मतलब आप को दर्द नाशक दवाइयां खाने की बजाए इस आसान और प्रभावशाली  तरीके का इस्तेमाल करना करना चाहिए | आज इस लेख के माध्यम  से हम आपको बतायेगे के शरीर के किसी हिस्से का दर्द सिर्फ हाथ की उंगली को रगड़ने से कैसे दूर होता है |

हमारे हाथ की अलग अलग उंगलिया अलग अलग बिमारिओ और भावनाओं से जुडी होती है | शायद आप को पता न हो, हमारे हाथ की उंगलिया चिंता, डर और चिड़चिड़ापन दूर करने की क्षमता रखती है | उंगलियों पर धीरे से दबाव डालने से शरीर के कई अंगो पर प्रभाव पड़ेगा |

*1. अंगूठा*
*– The Thumb*
हाथ का अंगूठा हमारे फेफड़ो से जुड़ा होता है | अगर आप की दिल की धड़कन तेज है तो हलके हाथो से अंगूठे पर मसाज करे और हल्का सा खिचे | इससे आप को आराम मिलेगा |

*2. तर्जनी*
*– The Index Finger*
ये उंगली आंतों  gastro intestinal tract से जुडी होती है | अगर आप के पेट में दर्द है तो इस उंगली को हल्का सा रगड़े , दर्द गयब हो जायेगा।

*3. बीच की उंगली*
*– The Middle Finger*
ये उंगली परिसंचरण तंत्र तथा circulation system से जुडी होती है | अगर आप को चक्कर या  आपका जी घबरा रहा है तो इस उंगली पर मालिश करने से तुरंत रहत मिलेगी |

*4. तीसरी उंगली*
*– The Ring Finger*
ये उंगली आपकी मनोदशा से जुडी होती है | अगर किसी कर्ण आपका मनोदशा अच्छा नहीं है या शांति चाहते हो तो इस उंगली को हल्का सा मसाज करे और खिचे, आपको जल्द ही इस के अच्छे नतीजे प्राप्त हो जयेगे, आप का मूड खिल उठे गा।

*5. छोटी उंगली*
*– The Little Finger*
छोटी उंगली का किडनी और सिर के साथ सम्बन्ध होता है | अगर आप को सिर में दर्द है तो इस उंगली को हल्का सा दबाये और मसाज करे, आप का सिर दर्द गायब हो जायेगा | इसे मसाज करने से किडनी भी तंदरुस्त रहती  है |

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🌸 धन्यवाद 🌸

सूखी खांसी दूर करने के घरेलु उपचार

कफ़ एक ऐसी समस्या है जो बहुत common है और हर किसी को कभी भी हो सकती है| मौसम में जरा से बदलाव से हमारे शरीर में सबसे पहले असर होता है, और sardi khasi जैसी बीमारी हमें जकड़ लेती है| सर्दी होने से हमारी नाक गला सभी बंद हो जाता है और हमें सांस लेने तक में कठिनाई होती है| कई बार सर्दी तो ठीक हो जाती है, लेकिन खांसी पीछा नहीं छोड़ती, और ये खांसी बिना कफ के सूखी होती है|

सूखी खांसी होने के कारण (Reason of Dry Cough or Sukhi Khansi) –

1 viral संक्रमण

2 फ्लू

3 सर्दी

4 स्मोकिंग

5 धूल मिटटी के संपर्क में ज्यादा रहना

6 किसी बड़ी बीमारी का होना जैसे TB, अस्थमा, फेफड़ों में कैंसर

इन सभी कारणों से हमें खांसी होने लगती है| खांसी लगातार होने से हमें सीने, सर में दर्द भी होने लगता है| खांसी की वजह से हम अच्छे से खा पी भी नहीं पाते है और किसी पार्टी मीटिंग जाने में भी हमें शर्मिंदगी महसूस होती है| लगातार आती खांसी हमें सब लोगों की नजर में ले आती है और हमारी वजह से दुसरे भी परेशान होने लगते है| sardi khasi सबसे ज्यादा संक्रमण फैलाते है, इसके कीटाणु मुख से निकल कर हवा में मिल जाते है और दुसरे के शरिर में सांस के द्वारा अंदर चले जाते है| जिससे दूसरा व्यक्ति भी इससे संक्रमित हो जाता है| इसलिए लोग खांसी वाले इन्सान के संपर्क में आने से कतराते है| खांसी वाले व्यक्ति को हमेशा अपने साथ एक रुमाल रखना चाहिए, और जब भी खांसी आये रुमाल मुंह पर रखें ताकि कीटाणु किसी और तक ना पहुंचे|

वैसे तो खांसी की बहुत सी दवाइयां बाजार में उपलब्ध है और इनसे हमें आराम भी मिल जाता है, लेकिन अगर इसका इलाज हमें घर पर मुफ्त में मिल जाये तो क्या बात है| आयुर्वेद में हर बीमारी का इलाज है और ये इलाज बहुत असरदार भी होता है| आयुर्वेद में बीमारी धीरे धीरे लेकिन जड़ से मिट जाती है| Sukhi Khansi  दवाई खाने के बाबजूद 1-2 दिन में ठीक नहीं होती है, इसे ठीक होने में 10-15 दिन कई बार तो महीने लग जाते है| ये दवाई कई बार अपना असर भी नहीं दिखाती है| तो चलिए आज हम आपको sookhi khasi दूर करने के घरेलु उपचार बताते है| Dry cough दूर करने के ये घरेलु तरीके  बहुत किफायती और असरदार होते है| जब भी आपको या आपके घर वालों को यह बीमारी हो आपको बस अपने घर में मौजूद सामान के अनुसार इसका इलाज करना है| सूखी खांसी के ये घरेलु नुस्खे आपको इस बीमारी से ठीक करेंगे| ये तरीके आपके किचिन में ही है बस आपको नजर घुमाने की जरुरत है| ये घरेलु उपचार दवाई से ज्यादा टेस्टी और असरदार होते है, जिसे आपके बच्चे भी आसानी से स्वाद ले लेकर खायेंगे|

सूखी खांसी दूर करने के घरेलु उपचार

1  शहद का उपयोग

एक शोध के अनुसार शहद खांसी में किसी दवाई से ज्यादा असरदार होती है| इसमें antibactirial प्रॉपर्टीज होती है जो खांसी के कीटाणु को नष्ट करती है| यह तरीका बच्चे बड़े सभी पर असरदार होता है, और खाने में टेस्टी होने के कारण सब इसे चाट चाट कर खाते है| 1 tbsp शहद को दिन में 3 बार लें इससे आपको जरुर आराम मिलेगा| रात को सोने से तुरत पहले जरुर लें इससे आपको सोते वक्त खांसी नहीं आएगी और आप चैन से सो पाएंगे| बच्चों को 1 tbsp की जगह 1 tsp ही खिलाएं| यह इलाज आप बच्चो के लिए भी अपना सकते है|

2   हल्दी का उपयोग

सूखी खांसी  के लिए हल्दी बहुत अच्छा इलाज है| हल्दी का प्रयोग आयुर्वेद में बहुत समय से होते आ रहा है| हल्दी हमारे सौन्दर्य को निखारने के साथ स्वास्थ्य के लिए लाभकारी होता है| ½ कप पानी को उबाल लें, उसमें 1 tsp हल्दी, 1 दालचीनी स्टिक और 1 tsp काली मिर्च मिलाएं| इसे 1-2 min और उबालें फिर इसमें 1 tbsp शहद मिलाएं| अब इसे दिन में 2 बार पियें जब तक आपको आराम न मिल जाए| इसके अलावा 1 कप पानी में 1 चम्मच हल्दी पाउडर और 1 चम्मच अजवाइन डालें| इसे तब तक उबालें जब तक वह आधा ना रह जाये| अब इसमें शहद

3  अदरक का उपयोग

अदरक खांसी के लिए नेचुरल दवाई है| अदरक के कुछ कुछ टुकड़े 1 कप पानी में उबाल लें, फिर इसमें 2 चम्मच शाद मिलाएं और इसे दिन में 2-3 बार पियें| खांसी में जरुर आराम मिलेगा| इसके अलावा आप अदरक कुछ टुकड़े ऐसे ही चबा सकती है|

4  नमक के पानी का उपयोग

कफ में नमक का पानी बहुत असरदार होता है| यह गले के दर्द को दूर कर खांसी से भी आराम देता है| 1 गिलास गुनगुना पानी लें उसमें 1 tbsp नमक मिलाएं| अब इस पानी को मुंह में लेकर 15 तक गरारे करे| इस प्रक्रिया को दुहराते रहें| इसके आपके गले को बहुत आराम मिलेगा|

5  नीबू का उपयोग

नीम्बू में विटामिन c होता है जो कफ के संक्रमण को दूर करता है| 2 tbsp नीम्बू के रस में 1 tbsp शहद मिलाएं | इसे दिन में कई बार पियें, आपकी खांसी कम हो जाएगी|

6 लहसुन का उपयोग

लह्स्सों में antibactirial property होती है जो खांसी दूर करने में सहायक होती है| 1 कप पानी में 2-3 लहसून की कालिया डालकर उबालें| इसे थोडा ठंडा कर इसमें शहद डालें और पी लें|

7 प्याज़ का उपयोग

खांसी के उपचार के लिए ये बहुत आसन तरीका है| ½ tsp प्याज के रस में ½ tsp शहद मिलाएं और इसे दिन में 2-3 बार पियें| इससे आपको जरुर आराम मिलेगा|

8 गरम दूध का उपयोग

गरम दूध से कफ में आराम मिलता है साथ ही ये सीने के दर्द को भी कम करता है| 1 गिलास दूध में 2 चम्मच शाद मिला कर पियें| इसे आप रात को सोने से पहले पियें| इससे खांसी में आराम मिलेगा|

9 कलि मिर्च का उपयोग

काली मिर्च भी कफ में बहुत आराम देती है| इसे पीस कर दूध मिला कर खाएं खांसी में आराम मिलेगा| इसके अलावा इसे पीसकर घी में थोडा भून लें फिर इसे रोज खाएं| खांसी जल्दी ठीक हो जाएगी|

10  चाय का उपयोग

सर्दी खांसी में जी चाहता है बस कुछ गरम गरम पीने का, ऐसे में चाय से अच्छा क्या मिलेगा| आप अपनी रोज की चाय में तुलसी, काली मिर्च और अदरक मिला लें| इससे आपकी खांसी में बहुत जल्द आराम मिलेगा|

11 तुलसी का उपयोग

तुलसी के पत्तों का रस निकाल कर उसमें शहद मिलाएं| फिर इसमें अदरक का रस भी मिलाएं | इसे आप रोज दिन में 2 बार लें आपको खांसी से जरुर आराम मिलेगा|

12 गाजर के जूस का उपयोग

गाजर का जूस निकालें उसमें थोडा पानी भी मिला लें| अब इसमें 1 चम्मच शहद मिलाकर दिन में 3-4 बार पियें| आपको आराम मिलेगा|

13  बादाम का उपयोग

बादाम में बहुत से पोषक तत्व होते है जो कफ में आराम देते है| 4-5 बादाम को रात भर पानी में भिगो दें| अगले दिन इसे पीस कर पेस्ट बना लें अब इसमें 1 tsp बटर मिला लें| इसे दिन में 3-4 बार तब तक लें जब तक आपको आराम ना मिल जाये|

ये सभी तरीके नेचुरल है और आप ये तरीके बच्चो के लिए भी उपयोग कर सकते है | इससे किसी को कोई भी नुकसान नहीं होगा| और आपको जरुर बहुत अच्छे परिणाम मिलेगा| लेकिन अगर आपको 2 हफ़्तों में भी आराम नहीं मिला है, तो आप अपने डॉक्टर को जरुर दिखाएँ|

गर्मी में कोल्ड ड्रिंक नहीं, पिएं ये 11 देसी ड्रिंक

गर्मी में डिहाइड्रेशन से बचने के लिए कोल्ड ड्रिंक या सोडा पीने के बजाय नेचुरल चीजों से बने ड्रिंक्स पीने की सलाह डॉक्टर्स भी देते हैं। इसमें डाले जाने वाले अलग-अलग मसालों से न सिर्फ टेस्ट बढ़ता है, बल्कि हेल्थ के लिए भी यह फायदेमंद है। हम बता रहे हैं ऐसे ही 11 देसी ड्रिंक्स के बारे में।

*आम का पना*

कच्चे आम का पना गर्मी में लू से बचने का बेस्ट ऑप्शन है। इसमें विटामिन सी की मात्रा ज्यादा होती है जिससे आपको तुरंत एनर्जी मिलती है।

*कैसे बनाएं*

कच्चे आम (कैरी) को छिलकर उबाल लें। इसमें काला नमक, पुदीना, शक्कर डालकर ब्लेंडर में ब्लेंड कर लें। इसे गिलास में निकालें और बर्फ के टुकड़े डालकर सर्व करें।

*शिकंजी*

गर्मी में शिकंजी पीने से आपको तुरंत एनर्जी मिलती है। शिकंजी इस मौसम में होने वाली डलनेस को दूर करेगी। इसे बनाकर कुछ दिन तक फ्रिज में रखा जा सकता है।

*कैसे बनाएं*

एक जग में पानी लें। उसमें नींबू का रस, जीरा पाउडर, काला नमक और शक्कर मिला लें। अब शिकंजी को छलनी से छालकर गिलास में डालें और बर्फ के टुकड़े मिलाकर सर्व करें।

*मैंगो मिंट लस्सी*

आम और पुदीने से बनी लस्सी गर्मी में आपको फ्रेश रखेगी। इस एनर्जेटिक ड्रिंक को बनाकर तुरंत सर्व करें।

*कैसे बनाएं*

आम, शक्कर, पुदीना, इलायची पाउडर, नींबू का रस और दही को मिलाकर ब्लेंडर में ब्लेंड कर लें। आम के स्मूद हो जाने पर इसे गिलास में निकालें और बर्फ डालकर सर्व करें।

*पुदीने का शर्बत*

पुदीने का शर्बत गर्मी में डिहाइड्रेशन और लू से बचाता है। यह डाइजेस्टिव सिस्टम ठीक रखता है।

*कैसे बनाएं*
ब्लेंडर में पुदीना, शक्कर या गुड़, शहद, काला नमक, कालीमिर्च और जीरा पाउडर मिलाकर पीस लें। इस पेस्ट की कम मात्रा को पानी के साथ मिलाकर गिलास में डालें और बर्फ मिलाकर सर्व करें।

*छाछ*

इसे पीने से पेट की जलन और एसिडिटी दूर होती है। छाछ पीने से वेट लॉस होता है और डाइजेस्टिव सिस्टम ठीक रहता है।

*कैसे बनाएं*

दही में नमक, काला नमक, जीरा पाउडर और हींग मिलाकर ब्लेंडर में ब्लेंड कर लें। इसमें बर्फ मिलाकर गिलास में डालें और सर्व करें।

*गुलाब का शर्बत*

इस शर्बत को पीने से पेट की जलन दूर होती है। यह बॉडी को कूल रखता है।

*कैसे बनाएं*

एक पैन में पानी और शक्कर मिलाकर चाश्नी बना लें। इसमें गुलाब जल, इलायची पाउडर और ताजी गुलाब की पत्तियों का पेस्ट डालें। इसे छानकर फ्रिज में रख दें। सर्व करते समय इस शर्बत को पानी के साथ मिलाकर बर्फ डालें और सर्व करें।

*जलजीरा*

इसे पीने से एसिडिटी और डिहाइड्रेशन दूर होता है। जलजीरा गर्मी से राहत पाने का बेहतर ऑप्शन है।

*कैसे बनाएं*

पानी में जीरा पाउडर, काला नमक, अमचूर पाउडर, नींबू का रस, थोड़ी सी शक्कर और पुदीने की पत्तियों का पेस्ट मिला लें। इसे बर्फ के टुकड़े मिलाकर सर्व करें।

*ऐलोवेरा जूस*

यह जूस गर्मी से होने वाली स्किन टैनिंग को दूर करने में मददगार है। यह डाइजेस्टिव सिस्टम को इंप्रूव करता है। इसे पीने से तुरंत एनर्जी मिलती है और गर्मी में भी स्किन का ग्लो बरकरार रहता है।

*कैसे बनाएं*

एलोवेरा के कांटेदार किनारे हटा दें। इसकी पत्तियों के बीच जमा गूदा निकालें। इसे मिक्सी में डालकर लेमन या ऑरेंज जूस और नमक मिलाकर पीस लें और बर्फ के टुकड़े डालकर सर्व करें।

*बेल का शर्बत*

गर्मी में इसे अमृत के समान माना गया है। यह डायरिया को दूर करने में मददगार है। डाइजेस्टिव सिस्टम को ठीक रखता है और लू से बचाता है।

*कैसे बनाएं*

बेल के फल का गूदा निकालकर अच्छी तरह मैश कर दें। इसमें शक्कर, काला नमक, जीरा पाउडर और चाट मसाला मिलाकर ब्लेंडर में ब्लेंड कर लें। इसे बर्फ मिलाकर सर्व करें।

*इमली का अमलाना*

गर्मी से बचने के लिए इमली से बने इस राजस्थानी ड्रिंक को पीजिए। लू से राहत पाने का यह इफेक्टिव तरीका है।

*कैसे बनाएं*

इमली और पानी मिलाकर दो घंटे के लिए रख दें। मिश्रण को छानकर इसमें शक्कर, कालीमिर्च पाउडर, इलायची पाउडर, काला नमक, सादा नमक, बर्फ और पानी डालकर अच्छी तरह मिला लें। इसे गिलास में डालें और सर्व करें।
Sunil Kushwah: *गुणों से भरपूर है गन्ने का रस, जानिए इसके फायदे*

भारत में सबसे ज्यादा गन्ना उगाया जाता है। गन्ने के रस से ज्यादा पोषक और स्वस्थ रखने वाला कोई और रस नहीं हो सकता। अगर अाप दिर-भर की थकान को दूर करने के लिए एक गिलास गन्ने का रस पीएगें तो आपको स्वाद भरी ताजगी मिल जाएगी।
गन्ने का रस में सेहत के लिए बहुत गुणकारी है। यह रस विटामिन A, C, B1, कैल्शियम, फास्फोरस, पोटेशियम, और कॉपर से भरपूर होता है। इसे पीने से हड्डियां मजंबूत बनती हैं और दांतों की समस्या भी कम होती है। अाज हम अापको बताएगें कि कैसे गन्ने का रस दूर करता है इन बिमारीयों से।
गन्ने का रस पीने से होंगे ये सब फायदे :
-*कैंसर से बचाव करता है*
गन्ने के रस में कैल्शियम, मैग्नीशियम, पोटेशियम, आयरन और मैंगनीज जैसे तत्व अच्छी मात्रा में हैं जो शरीर को कैंसर जैसी बिमारी से लड़ने के लिए सहायक होता हैं।
-*मुहांसों से छुटकारा*
गन्ने का रस पीने से त्वचा को अल्फा हाइड्रॉक्सी एसिड मिलता है जो मुहांसे दूर करने और सेहतमंद त्वचा के लिहाज से फायदेमंद है।
-किडनी के लिए फायदेमंद
गन्ने के रस में प्रोटीन अच्छी मात्रा में है। इसमें नींबू और नारियल पानी मिलाकर पीने से किडनी की युरीन इन्फेक्शन, एसटीडी और पत्थर जैसी समस्यामए दूर होती है।
-पाचनतंत्र के लिए फायदेमंद
गन्ने का रस पाचन तंत्र के साथ-साथ पेट की बीमारियों के लिए भी बहुत फायदेमंद है क्योकि इसमें पोटैशियम की मात्रा ज्यादा होती है। इसे पीने से कब्ज की समस्या भी दूर होती है।
-नाखूनों में अाती है चमक
यह रस पीने से नाखूनों पर से सफेद धब्बे हटाते है अौर नाखून चमकदार होते हैं क्योकि इसमें पोषक तत्व हैं जिससे आपके नाखूनों की सेहत की भरपाई हो जाती है।
-दिल के रोगों से कहता है बचाव
गन्ने का रस शरीर में कोलेस्ट्रॉल और ट्राईग्लिसराइड के लेवल को गिरता है जिससे धमनियों में फैट नहीं जमता अौर दिल के रोगों जैसी बिमारीयों से बचाव रखता है।
-मोटापा होता है कम
यह रस आपके शरीर में खराब कॉलेस्ट्रोल को कम करके आपको मोटापे से बचाता है।
-शुगर के मरीजों के लिए फायदेमंगद
गन्ने का रस पीने से मधुमेह रोगियों को बहुत फायदा होता है क्योकि यह मीठा और प्राकृतिक शुगर से भरपूर होता है।
-त्वचा में ग्लो अाती है
यह रस त्वचा संबंधित परेशानियों को दूर करता है और स्किन में कसाव लेकर आता है। इस रस को त्वचा पर लगा कर धोने के बाद त्वचा खिली-खिली और साफ नजर आती है

रविवार, 24 अप्रैल 2016

महाभारत की 11 ऐसी कहानियां जिनके बारे में आपने शायद ही सुना होगा

आपको धार्मिक ग्रंथ महाभारत से जुड़ी अलग-अलग कई कहानियों के बारे में मालूम होगा, लेकिन इनमें कई ऐसी भी कहानियां हैं जिनके बारे में अाप शायद ही जानते हों. जानिए धार्मिक ग्रंथ  महाभारत से संबंधित ऐसी ही 11 कहानियों के बारे में:


1. जब कौरवों की सेना पांडवों से युद्ध हार रही थी तब दुर्योधन भीष्म पितामह के पास गया और उन्हें कहने लगा कि आप अपनी पूरी शक्ति से यह युद्ध नहीं लड़ रहे हैं. भीष्म पितामह को काफी गुस्सा आया और उन्होंने तुरंत पांच सोने के तीर लिए और कुछ मंत्र पढ़े. मंत्र पढ़ने के बाद उन्होंने दुर्योधन से कहा कि कल इन पांच तीरों से वे पांडवों को मार देंगे. मगर दुर्योधन को भीष्म पितामह के ऊपर विश्वास नहीं हुआ और उसने तीर ले लिए और कहा कि वह कल सुबह इन तीरों को वापस करेगा. इन तीरों के पीछे की कहानी भी बहुत मजेदार है. भगवान कृष्ण को जब तीरों के बारे में पता चला तो उन्होंने अर्जुन को बुलाया और कहा कि तुम दुर्योधन के पास जाओ और पांचो तीर मांग लो.  दुर्योधन की जान तुमने एक बार गंधर्व से बचायी थी.  इसके बदले उसने कहा था कि कोई एक चीज जान बचाने के लिए मांग लो. समय आ गया है कि अभी तुम उन पांच सोने के तीर मांग लो. अर्जुन दुर्योधन के पास गया और उसने तीर मांगे. क्षत्रिय होने के नाते दुर्योधन ने अपने वचन को पूरा किया और तीर अर्जुन को दे दिए.
2. द्रोणाचार्य को भारत का पहले टेस्ट ट्यूब बेबी माना जा सकता है. यह कहानी भी काफी रोचक है. द्रोणाचार्य के पिता महर्षि भारद्वाज थे और उनकी माता एक अप्सरा थीं. दरअसल, एक शाम भारद्वाज शाम में गंगा नहाने गए तभी उन्हें वहां एक अप्सरा नहाती हुई दिखाई दी. उसकी सुंदरता को देख ऋषि मंत्र मुग्ध हो गए और उनके शरीर से शुक्राणु निकला जिसे ऋषि ने एक मिट्टी के बर्तन में जमा करके अंधेरे में रख दिया. इसी से द्रोणाचार्य का जन्म हुआ.
3. जब पांडवों के पिता पांडु मरने के करीब थे तो उन्होंने अपने पुत्रों से कहा कि बुद्धिमान बनने और ज्ञान हासिल करने के लिए वे उनका मस्तिष्क खा जाएं. केवल सहदेव ने उनकी इच्छा पूरी की और उनके मस्तिष्क को खा लिया. पहली बार खाने पर उसे दुनिया में हो चुकी चीजों के बारे में जानकारी मिली. दूसरी बार खाने पर उसने वर्तमान में घट रही चीजों के बारे में जाना और तीसरी बार खाने पर उसे भविष्य में क्या होनेवाला है, इसकी जानकारी मिली.
4. अभिमन्यु की पत्नी वत्सला बलराम की बेटी थी. बलराम चाहते थे कि वत्सला की शादी दुर्योधन के बेटे लक्ष्मण से हो. वत्सला और अभिमन्यु एक-दूसरे से प्यार करते थे. अभिमन्यु ने वत्सला को पाने के लिए घटोत्कच की मदद ली. घटोत्कच ने लक्ष्मण को इतना डराया कि उसने कसम खा ली कि वह पूरी जिंदगी शादी नहीं करेगा.
5. अर्जुन के बेटे इरावन ने अपने पिता की जीत के लिए खुद की बलि दी थी. बलि देने से पहले उसकी अंतमि इच्छा थी कि वह मरने से पहले शादी कर ले. मगर इस शादी के लिए कोई भी लड़की तैयार नहीं थी क्योंकि शादी के तुरंत बाद उसके पति को मरना था. इस स्थिति में भगवान कृष्ण ने मोहिनी का रूप लिया और इरावन से न केवल शादी की बल्कि एक पत्नी की तरह उसे विदा करते हुए रोए भी.
6. सहदेव, जो अपने पिता का मस्तिष्क खाकर बुद्धिमान बना था. उसमें भविष्य देखने की क्षमता थी इसलिए दुर्योधन उसके पास गया और युद्ध शुरू करने से पहले उससे सही मुहूर्त के बारे में पूछा. सहदेव यह जानता था कि दुर्योधन उसका सबसे बड़ा शत्रु है फिर भी उसने युद्ध शुरू करने का सही समय बताया.
7. धृतराष्ट्र का एक बेटा युयत्सु नाम का भी था. युयत्सु एक वैश्य महिला का बेटा था. दरअसल, धृतराष्ट्र के संबंध एक दासी के साथ थे जिससे युयत्सु पैदा हुआ था.
8. महाभारत के युद्ध में उडुपी के राजा ने निरपेक्ष रहने का फैसला किया था. उडुपी का राजा न तो पांडव की तरफ से थे और न ही कौरव की तरफ से. उडुपी के राजा ने कृष्ण से कहा था कि कौरवों और पांडवों की इतनी बड़ी सेना को भोजन की जरूरत होगी और हम दोनों तरफ की सेनाओं को भोजन बनाकर खिलाएंगें. 18 दिन तक चलने वाले इस युद्ध में कभी भी खाना कम नहीं पड़ा. सेना ने जब राजा से इस बारे में पूछा तो उन्होंने इसका श्रेय कृष्ण को दिया. राजा ने कहा  कि जब कृष्ण भोजन करते हैं तो उनके आहार से उन्हें पता चल जाता है कि कल कितने लोग मरने वाले हैं और खाना इसी हिसाब से बनाया जाता है.
9. जब दुर्योधन कुरूक्षेत्र के युद्ध क्षेत्र में आखिरी सांस से ले रहा था, उस समय उसने अपनी तीन उंगलियां उठा रखी थी. भगवान कृष्ण उसके पास गए और समझ गए कि दुर्योधन कहना चाहता है कि अगर वह तीन गलतियां युद्ध में ना करता तो युद्ध जीत लेता. मगर कृष्ण ने दुर्योधन को कहा कि अगर तुम कुछ भी कर लेते तब भी हार जाते. ऐसा सुनने के बाद दुर्योधन ने अपनी उंगली नीचे कर ली.
10. कर्ण और दुर्योधन की दोस्ती के किस्से तो काफी मशहूर हैं. कर्ण और दुर्योधन की पत्नी दोनों एक बार शतरंज खेल रहे थे. इस खेल में कर्ण जीत रहा था तभी भानुमति ने दुर्योधन को आते देखा और खड़े होने की कोशिश की. दुर्योधन के आने के बारे में कर्ण को पता नहीं था. इसलिए जैसे ही भानुमति ने उठने की कोशिश की कर्ण ने उसे पकड़ना चाहा. भानुमति के बदले उसके मोतियों की माला उसके हाथ में आ गई और वह टूट गई. दुर्योधन तब तक कमरे में आ चुका था. दुर्योधन को देख कर भानुमति और कर्ण दोनों डर गए कि दुर्योधन को कहीं कुछ गलत शक ना हो जाए. मगर दुर्योधन को कर्ण पर काफी विश्वास था. उसने सिर्फ इतना कहा कि मोतियों को उठा लें.
11. कर्ण दान करने के लिए काफी प्रसिद्ध था. कर्ण जब युद्ध क्षेत्र में आखिरी सांस ले रहा था तो भगवान कृष्ण ने उसकी दानशीलता की परीक्षा लेनी चाही. वे गरीब ब्राह्मण बनकर कर्ण के पास गए और कहा कि तुम्हारे बारे में काफी सुना है और तुमसे मुझे अभी कुछ उपहार चाहिए. कर्ण ने उत्तर में कहा कि आप जो भी चाहें मांग लें. ब्राह्मण ने सोना मांगा. कर्ण ने कहा कि सोना तो उसके दांत में है और आप इसे ले सकते हैं. ब्राह्मण ने जवाब दिया कि मैं इतना कायर नहीं हूं कि तुम्हारे  दांत तोड़ूं. कर्ण ने तब एक पत्थर उठाया और अपने दांत तोड़ लिए. ब्राह्मण ने इसे भी लेने से इंकार करते हुए कहा कि खून से सना हुआ यह सोना वह नहीं ले सकता. कर्ण ने इसके बाद एक बाण उठाया और आसमान की तरफ चलाया. इसके बाद बारिश होने लगी और दांत धुल गया.

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